म्यूचुअल फंड में एकमुश्त और एसआईपी से इन्वेस्ट कर सकते हैं। (PC: Pexels)
Mutual Fund Tips: भारत में बड़ी संख्या में लोग म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं। यहां आप एकमुश्त निवेश भी कर सकते हैं और एसआईपी के जरिए छोटी-छोटी राशि भी इन्वेस्ट कर सकते हैं। बहुत बार लोगों की यह प्रॉब्लम होती है कि वे लंबे समय से एसआईपी कर तो रहे हैं, लेकिन रिटर्न नहीं मिल रहा। दरअसल म्यूचुअल फंड के निवेशकों को कई सारी चीजों का ध्यान रखना चाहिए। कई ऐसे रेड फ्लैग्स हैं, जो आपको फंड में नजर आएं तो उपयुक्त एक्शन लेना चाहिए। आइए जानते हैं कि ये रेड फ्लैग्स क्या हैं।
अगर कोई फंड लगातार अपने बेंचमार्क या साथियों से खराब प्रदर्शन करता है, तो यह कमजोर रणनीति का संकेत है। कभी-कभार गिरावट सामान्य है, लेकिन बार-बार असफल होना परेशानी का संकेत है। ऐसे फंड से दूर रहना चाहिए।
जितना ज्यादा खर्च, उतना कम रिटर्न। कैटेगरी एवरेज से अधिक एक्सपेंस रेशियो खासकर इक्विटी फंड्स में लंबे समय में वेल्थ क्रिएशन को नुकसान पहुंचाता है।
जरूरत से ज्यादा खरीद-बिक्री एग्रेसिव शॉर्ट टर्म बेट्स को दर्शाती है। इससे लागत, टैक्स और जोखिम बढ़ता है और रिटर्न की स्थिरता घटती है।
कुछ ही शेयरों या सेक्टर्स में ज्यादा झुकाव वाला फंड जोखिम बढ़ाता है। स्थिर और लॉन्ग टर्म वेल्थ ग्रोथ के लिए डायवर्सिफिकेशन जरूरी है।
अगर फंड मैनेजर बार-बार बदलते हैं तो इसका मतलब है कि रणनीति भी बदलती रहती है। नेतृत्व में स्थिरता आमतौर पर स्थिर प्रदर्शन में बदलती है।
ऐसे फंड से बचें, जिनकी रणनीति जटिल और जार्गन से भरी हो। सरल उत्पाद ट्रैक करने में आसान होते हैं और आपके वित्तीय लक्ष्यों के साथ बेहतर मेल खाते हैं।
अगर पोर्टफोलियो डिस्क्लोजर अस्पष्ट है या रिस्क फैक्टर क्लियर नहीं हैं, तो निवेश से पहले दो बार सोचें। भरोसेमंद फंड स्पष्ट रूप से बताते हैं कि आपका पैसा कहां और कैसे निवेश हो रहा है।
Published on:
05 Oct 2025 11:20 am
बड़ी खबरें
View Allकारोबार
ट्रेंडिंग