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Mutual Fund में पैसा लगाते समय जरूर चेक करे लें ये 7 रेड फ्लैग्स, वरना बाद में पड़ जाएगा पछताना

Mutual Fund Tips: ऐसा फंड जहां जरूरत से ज्यादा खरीद-बिक्री हो, वह एग्रेसिव शॉर्ट टर्म बेट्स को दर्शाता है। इससे लागत, टैक्स और जोखिम बढ़ता है और रिटर्न की स्थिरता घटती है।

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भारत

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Pawan Jayaswal

Oct 05, 2025

Mutual Fund Tips

म्यूचुअल फंड में एकमुश्त और एसआईपी से इन्वेस्ट कर सकते हैं। (PC: Pexels)

Mutual Fund Tips: भारत में बड़ी संख्या में लोग म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं। यहां आप एकमुश्त निवेश भी कर सकते हैं और एसआईपी के जरिए छोटी-छोटी राशि भी इन्वेस्ट कर सकते हैं। बहुत बार लोगों की यह प्रॉब्लम होती है कि वे लंबे समय से एसआईपी कर तो रहे हैं, लेकिन रिटर्न नहीं मिल रहा। दरअसल म्यूचुअल फंड के निवेशकों को कई सारी चीजों का ध्यान रखना चाहिए। कई ऐसे रेड फ्लैग्स हैं, जो आपको फंड में नजर आएं तो उपयुक्त एक्शन लेना चाहिए। आइए जानते हैं कि ये रेड फ्लैग्स क्या हैं।

पिछली परफॉर्मेंस अच्छी नहीं होना

अगर कोई फंड लगातार अपने बेंचमार्क या साथियों से खराब प्रदर्शन करता है, तो यह कमजोर रणनीति का संकेत है। कभी-कभार गिरावट सामान्य है, लेकिन बार-बार असफल होना परेशानी का संकेत है। ऐसे फंड से दूर रहना चाहिए।

हाई एक्सपेंस रेश्यो (High expense ratio)

जितना ज्यादा खर्च, उतना कम रिटर्न। कैटेगरी एवरेज से अधिक एक्सपेंस रेशियो खासकर इक्विटी फंड्स में लंबे समय में वेल्थ क्रिएशन को नुकसान पहुंचाता है।

पोर्टफोलियो में बार-बार बदलाव (Frequent portfolio churn)

जरूरत से ज्यादा खरीद-बिक्री एग्रेसिव शॉर्ट टर्म बेट्स को दर्शाती है। इससे लागत, टैक्स और जोखिम बढ़ता है और रिटर्न की स्थिरता घटती है।

कंसनट्रेटेड होल्डिंग्स (Concentrated holdings)

कुछ ही शेयरों या सेक्टर्स में ज्यादा झुकाव वाला फंड जोखिम बढ़ाता है। स्थिर और लॉन्ग टर्म वेल्थ ग्रोथ के लिए डायवर्सिफिकेशन जरूरी है।

फंड मैनेजर की अस्थिरता (Fund manager instability)

अगर फंड मैनेजर बार-बार बदलते हैं तो इसका मतलब है कि रणनीति भी बदलती रहती है। नेतृत्व में स्थिरता आमतौर पर स्थिर प्रदर्शन में बदलती है।

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बहुत जटिल रणनीति (Overly complex strategy)

ऐसे फंड से बचें, जिनकी रणनीति जटिल और जार्गन से भरी हो। सरल उत्पाद ट्रैक करने में आसान होते हैं और आपके वित्तीय लक्ष्यों के साथ बेहतर मेल खाते हैं।

पारदर्शिता की कमी (Lack of transparency)

अगर पोर्टफोलियो डिस्क्लोजर अस्पष्ट है या रिस्क फैक्टर क्लियर नहीं हैं, तो निवेश से पहले दो बार सोचें। भरोसेमंद फंड स्पष्ट रूप से बताते हैं कि आपका पैसा कहां और कैसे निवेश हो रहा है।