
एंबुलेंस
जिले में संचालित 108 की एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) एंबुलेंस सेवा इस समय गंभीर संकट में है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, जिले को पांच एएलएस वाहन आवंटित किए गए हैं। लेकिन इनमें से एक वाहन एक्सीडेंट के कारण डबरा में खड़ा है, दो वाहन मामूली खराबी के चलते गैराज में खड़े हैं, और शेष दो वाहन चल तो रहे हैं, लेकिन उनके वेंटिलेटर, कार्डियक मॉनिटर, ऑक्सीजन सप्लाई और सक्शन मशीन जैसे जरूरी उपकरण बंद पड़े हैं। इन समस्याओं के कारण गंभीर मरीजों को जीवन रक्षक प्राथमिक उपचार समय पर नहीं मिल पा रहा है।
108 एंबुलेंस सेवा गंभीर और अति गंभीर मरीजों के लिए चलते-फिरते मिनी आईसीयू की तरह कार्य करती है। प्रत्येक एएलएस वाहन में वेंटिलेटर, कार्डियक मॉनिटर, ऑक्सीजन सिलेंडर, सक्शन मशीन, नेब्युलाइजर, एक्सटर्नल डिफिब्रिलेटर (्रश्वष्ठ), सिरिंज पंप, ब्लड प्रेशर मॉनिटर, पल्स ऑक्सीमीटर, स्ट्रेचर, स्टेथोस्कोप, ग्लूकोमीटर, थर्मामीटर और एम्बु बैग जैसी 17 अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध होते हैं। वाहन में प्रशिक्षित इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन और चालक भी मौजूद रहते हैं।
108 सेवा के तहत जिले में 4 प्रदेशों की तरह छतरपुर जिले में भी जननी, बीएलएस (बेसिक लाइफ सपोर्ट) और एएलएस वाहनों का संचालन जय अंबे एंबुलेंस सर्विस द्वारा किया जा रहा है। वाहन संचालन का भुगतान राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन भोपाल करता है। टेंडर के अनुसार, एएलएस वाहन का किराया प्रति किलोमीटर 24 रुपए, बीएलएस वाहन 22 रुपए और जननी वाहन 18 रुपए प्रति किलोमीटर के हिसाब से वसूला जाता है। हालांकि उपकरणों की खराबी के कारण गंभीर मरीजों को लाभ नहीं मिल पा रहा है।
गंभीर मरीजों के लिए एएलएस वाहन का महत्व अत्यधिक है। जब मरीजों को जिला अस्पताल से ग्वालियर या झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर किया जाता है, तब वेंटिलेटर, कार्डियक मॉनिटर और ऑक्सीजन सप्लाई की तत्काल जरूरत होती है। लेकिन उपकरण बंद होने के कारण मरीजों की हालत रास्ते में बिगडऩे का खतरा रहता है।
सीएमएचओ आरपी गुप्ता ने बताया कि जिले में वाहन की स्थिति चिंताजनक है। खजुराहो स्थित वाहन सीजी 04 एनवी 4024 डेढ़ माह से एक्सीडेंट के कारण डबरा में पड़ा है। महाराजपुर का वाहन सीजी 04 एनएस 6617 ड्राइवर साइड के पहिया की खराबी के साथ मल्टी पैरामीटर की ईसीजी लीड फेल है। छतरपुर शहर के वाहन सीजी 04 एनएस 4580 में स्टेयरिंग की समस्या है और इनफ्लूजन पंप व वेंटिलेटर बंद पड़े हैं। वहीं दूसरा शहर वाहन सीजी 04 एनबी 6574 में डीफिब्रिलेटर और अन्य उपकरण बंद हैं। नौगांव वाहन सीजी 04 एनएस 5350 में ऑक्सीजन पाइपलाइन, वेंटिलेटर और इलेक्ट्रॉनिक सक्शन मशीन भी चालू नहीं हैं। इन सभी वाहनों में स्टेपनी (स्पेयर टायर) की व्यवस्था भी नहीं है।
आरपी गुप्ता ने कहा कि पिछले महीने सभी वाहनों की टीम द्वारा जांच कराई गई थी और वाहन उस समय सही थे। अगर अब उपकरण बंद और खराबी की समस्या आ रही है तो फिर से सभी एएलएस वाहनों की जांच कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि जिले में संचालित वाहनों की बिलिंग स्थानीय स्तर पर नहीं होती, बल्कि केवल एनआरएचएम को जानकारी दी जाती है। इसके माध्यम से ही यह सत्यापन किया जाता है कि कितने मरीजों को वाहन के माध्यम से किन अस्पतालों तक पहुंचाया गया।
Published on:
15 Nov 2025 10:39 am
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