
जेजेएम घोटाला। पत्रिका फाइल फोटो
जयपुर। केंद्र सरकार के लेटर के बाद राजस्थान के जलदाय विभाग में खलबली मची हुई है। कांग्रेस राज में जल जीवन मिशन के तहत जयपुर, अलवर, उदयपुर, बांसवाड़ा, सिरोही, चूरू समेत अन्य जिलों की पेयजल परियोजनाओं में बिना काम भुगतान करने वाले इंजीनियरों, खंडीय लेखाकारों पर अब राजस्थान सरकार कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है। बिना काम दो फर्मों को 50 करोड़ रुपए से ज्यादा का भुगतान करने के मामले में फंसे 139 इंजीनियरों व खंडीय लेखाकारों पर कार्रवाई होगी।
कार्रवाई की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़े इसके लिए जल भवन में विशेष कैंप लगाया गया। जिसमें 11 महीने से इंजीनियरों व खंडीय लेखाकारों के आरोप पत्रों के प्रस्तावों को दबाए बैठे संबंधित अधिकारियों को लैपटॉप, एमबी व भुगतान से जुड़े सभी दस्तावेज लेकर बुलाया गया। बताया जा रहा है कि उच्च अधिकारियों ने निगरानी में 80 से ज्यादा आरोप पत्रों के प्रस्ताव तैयार कराए।
सूत्रों के अनुसार अभी तक कार्रवाई के लिए 50 आरोप पत्र कार्मिक विभाग भेजे जा चुके हैं। जयपुर जिले से 10 इंजीनियरों, कार्मिकों के आरोप पत्र के प्रस्ताव भेजे ही नहीं गए, वहीं कमियों के कारण लौटाए गए 10 प्रस्ताव वापस जल भवन नहीं भेजे गए।
दरअसल, कुछ दिनों पहले केंद्र सरकार ने राज्य के जलदाय विभाग को पत्र लिख कर पूछा था कि बिना काम भुगतान करने वाले इंजीनियरों, उदयपुर, बांसवाड़ा व अन्य जिलों में बिना काम भुगतान उठाने वाली फर्मों के खिलाफ अब तक क्या कार्रवाई की गई। केन्द्र सरकार के इस पत्र के बाद अब विभाग में खलबली मची हुई है।
Updated on:
01 Dec 2025 03:15 pm
Published on:
01 Dec 2025 03:14 pm
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