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जैसलमेर: हाईवे किनारे अवैध रूप से सटी शराब दुकानें, सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवाल

सरहदी जैसलमेर जिले में नेशनल हाईवे पर शराब की दुकानों का संचालन बेरोकटोक जारी है।

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सरहदी जैसलमेर जिले में नेशनल हाईवे पर शराब की दुकानों का संचालन बेरोकटोक जारी है। हाईवे पर कई दुकानें सडक़ के किनारे संचालित हो रही हैं। पत्रिका टीम ने शुक्रवार को एनएच-11, एनएच-125 और एनएच-68 पर पड़ताल की तो कई स्थानों पर दुकानें सडक़ से केवल कुछ ही फुट की दूरी पर मिलीं, जहां शाम के समय भीड़ बढऩे से जोखिम और बढ़ जाता है। गौरतलब है कि राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दो महीने के भीतर हाईवे से 500 मीटर दायरे में सभी शराब दुकानें हटाने के आदेश जारी किए हैं।
फलोदी-पोकरण-जैसलमेर एनएच-11 पर स्थिति निराशाजनक है। पोकरण सांकड़ा फांटा के पास दुकान खुली मिली, खेतोलाई गांव के पास दो, चांधन और रामदेवरा में एक-एक तथा गोमट में एक दुकान हाईवे के कगार पर ही संचालित दिखी। रामदेवरा स्थित शराब की दुकान तो सडक़ से मात्र दस फीट पर है, दूसरी दुकान लगभग तीस फीट पर चल रही है, जो ट्रैफिक को हर समय खतरे में डालती है। पोकरण-जोधपुर एनएच-125 पर बाईपास फांटा और लवां गांव के पास भी दुकानें हाईवे से बेहद निकट पाई गईं। एनएच-68 पर फतेहगढ़, सांगड, देवीकोट और डाबला में छह दुकानें नियमों की पूरी अनदेखी करते हुए सीधे सडक़ किनारे संचालित होते दिखी।

हकीकत यह भी

इन दुकानों से सबसे अधिक परेशानी महिलाओं, यात्रियों और स्थानीय परिवारों को हो रही है। स्थानीय निवासी कविता वैष्णव बताती हैं कि शाम के समय दुकानों पर भीड़ इतनी बढ़ जाती है कि महिलाओं और बच्चों का सडक़ पार करना भी मुश्किल हो जाता है और कई बार असहज वातावरण बन जाता है।

रामदेवरा क्षेत्र में सरला कंवर ने बताया कि दुकानें सडक़ से इतनी नजदीक होने से हर समय दुर्घटना की आशंका बनी रहती है, कई बार तो दुपहिया वाहन भीड़ में फंसकर गिरने से बचते हैं। सांगड़ मार्ग पर मिले वाहन चालक हनुमंतराम ने बताया कि दस-बीस फीट दूरी पर दुकानें चलाना सीधे-सीधे कानून और सुरक्षा दोनों की अनदेखी है और जिम्मेदार इसको देख भी रहे है, लेकिन रोकने की कोशिश कहीं नजर नहीं आती।

यहां भी यही कहानी

पोकरण क्षेत्र निवासी दरबार खान के अनुसार हाईवे जीवन-रेखा हैं और इन पर अव्यवस्था की अनुमति नहीं दी जा सकती। सभी दुकानों को नियमों के अनुरूप स्थानांतरित कर ही दुर्घटनाओं के बढ़ते जोखिम पर रोक लगाई जा सकती है और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।