
40 जवानों के साथ पुलिस ने डाला डेरा (photo source- Patrika)
Robbery case: बालकोनगर थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत सोनगड़ा के गांव तराईडांड में ग्रामीण के घर हुई डकैती की जांच जारी है। डकैतों तक पहुंचने के लिए पुलिस घटनास्थल से सुराग जुटा रही है। कड़ियों को आपस में जोड़कर डकैती की गुत्थी सुलझाने की कोशिश कर रही है। डकैतों तक पहुंचने के लिए पुलिस ने चार टीम गठित की है। हर टीम में 10-10 जवान शामिल किए गए हैं।
40 जवान छानबीन कर रहे हैं। प्रत्येक टीम को अलग-अलग काम सौंपे गए हैं। आरोपियाें तक पहुंचने के लिए पुलिस मोबाइल कॉल की जांच कर रही है। हालांकि गांव तराईडांड में कोई मोबाइल टॉवर नहीं है। पुलिस को आशंका है कि डकैती को अंजाम देने से पहले गिरोह ने रेकी की होगी। संभव है कि उन्हें मोबाइल कॉल पर एक-दूसरे से संपर्क किया होगा। इसकी पुष्टि के लिए पुलिस मोबाइल टॉवर से हुए कॉल की छानबीन कर रही है। इस क्षेत्र में ग्राम चुईया के पास मोबाइल टॉवर है।
माना जा रहा है कि यहां डकैतों का कॉल डंप हुआ होगा। पुलिस की दूसरी जांच सीसीटीवी फुटेज को लेकर चल रही है। हालांकि पीड़ित परिवार शत्रुघ्न के घर कोई सीसीटीवी नहीं है और न ही गांव में आसपास किसी के यहां सीसीटीवी कैमरे होने की पुष्टि हुई है। लेकिन पुलिस मान रही है।
ग्राम तराईडांड तक पहुंचने के लिए डकैतों ने जिस रास्ते का उपयोग किया होगा, वहां सीसीटीवी हो सकता है। इसकी जांच के लिए पुलिस बालकोनगर हेलीपेड के बाजू में स्थित सड़क से लेकर चुईया तक जगह-जगह लगे सीसीटीवी से फुटेज निकाल रही है। पुलिस की एक टीम परिवार के सदस्यों का बयान ले रही है। शत्रुघ्न के परिवार की जानकारी जुटाने के लिए आस पड़ोस में रहने वाले लोगों का भी बयान दर्ज कर रही है। एक अन्य टीम को आसपास के गांव में छानबीन करने के लिए कहा गया है, जो अलग-अलग बिंदुओं पर ग्रामीणों से जानकारी जुटा रही है। मंगलवार की रात एक से दो बजे के बीच करीब 20 की संख्या में डकैतों ने बाड़ी के रास्ते धावा बोला।
Robbery case: डकैत शत्रुघ्न के आंगन में कूद गए। घर में सो रहे परिवार के सदस्यों को एक-एक कर कब्जे में लिया। उन्हें तलवार, चाकू और पिस्टल की नोंक पर एक कमरे में बंद कर दिया। सभी के हाथ को रस्सी से बांध दिया। डकैतों ने परिवार के मुखिया शत्रुघ्न के सामने चाकू और तलवार अड़ा दिया। डकैत यह पूछ रहे थे कि उसने सौम्या चौरसिया का पांच से सात करोड़ रुपए कहां रखा है। शत्रुघ्न के यह कहने पर कि उसके पास सौम्या का कोई रुपए नहीं है। डकैतों ने उसे चाकू घोंपने की धमकी दी और कहा कि रुपए नहीं देने पर परिवार के सदस्यों को मार देंगे।
शत्रुघ्न ने बताया कि उनके पास सौम्या का रुपए नहीं है, बल्कि एक कमरे में उसने अपनी छोटी बेटी की शादी के लिए रुपए को रखा है। तब डकैतों ने इस रुपए की जानकारी ली। घर में रखी अलमारी को तोड़ दिया। डेढ़ लाख रुपए निकाल लिया। अलमारी से ही शत्रुघ्न की पत्नी और बहु के जेवरात को निकाल लिया। इसमें सोने की जेवरात शामिल हैं। भागने से पहले डकैतों ने जहां परिवार के सदस्यों को जिस कमरे में कैद किया था, उसे बाहर से बंद कर दिया। लगभग सुबह चार बजे तक परिवार के सदस्य कमरे में बंद रहे। उन्होंने पड़ोसियों को आवाज लगाई। तब पड़ोसी पहुंचे। कमरे को खोला। घटना की जानकारी आसपास के लोगों को दी। पुलिस को अवगत कराया गया।
शत्रुघ्न ने बताया कि सौम्या के माता-पिता से उसका पुराना संबंध है। शत्रुघ्न की शादी 90 के दशक में कोरबा के पंप हाउस इलाके में रहने वाली छत बाई की पुत्री बलेशिया बाई से हुई थी। छत बाई सौम्या के घर घरेलू काम करती थी। बलेशिया ने जब पुत्री को जन्म दिया, तब शत्रुघ्न अपनी पत्नी के साथ रक्षाबंधन के त्योहार में पंप हाउस गए। उसी समय शत्रुघ्न की सास ने चौरसिया परिवार से उनकी मुलाकात कराई थी।
शत्रुघ्न की नवजात बेटी को देखकर चौरसिया परिवार इतना प्रसन्न हुआ कि उसने बेटी की पालन-पोषण की जिम्मेदारी ले ली। शत्रुघ्न ने अपनी बेटी का नाम बबीता रखा। बबीता बचपन से ही सौम्या के घर रहकर पढ़ाई लिखाई करने लगी। इस बीच जब सौम्या दुर्ग संभाग में एसडीएम बनी, तब सौम्या ने बबीता को पढ़ाई लिखाई के लिए अपने पास बुला लिया।
भिलाई में सौम्या के घर रहकर बबीता ने एमबीए तक की पढ़ाई की। हालांकि अभी बबीता की शादी हो गई है। वह अपने पति के साथ कुसमुंडा से लगे एक गांव में रहती है। डकैतों को संदेह था कि सौम्या ने अवैध कमाई के कुछ हिस्से को शत्रुघ्न के घर तराईडांड में छिपाया है। इसी के संदेह के आधार पर उन्होंने डकैती को अंजाम दिया होगा।
Updated on:
14 Nov 2025 05:50 pm
Published on:
14 Nov 2025 05:46 pm
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