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गीता से मिलती है कर्तव्य पर दृढ़ होकर चलने की अभिप्रेरणा

The Bhagavad Gita inspires us to remain steadfast in our duty. Chapter 15 of the Bhagavad Gita was recited on the occasion of International Gita Jayanti.

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International Gita Jayanti.

International Gita Jayanti.

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occasion of International Gita Jayanti

अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती के अवसर पर एक दिसम्बर 2025 को गीता जयंती महोत्सव का आयोजन जिला मुख्यालय के स्टेडियम ग्राउंड नरसिंहपुर में किया गया। इस दौरान गीता पाठियों के द्वारा श्रीमद्भगवत गीता के 15 वें अध्याय का कंठस्थ पाठ किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलन कर किया गया। इसके पश्चात श्रीमद्भगवत गीता जी की आरती की गई।कार्यक्रम के मुख्य वक्ता रामकृष्ण मठ के युवा सन्यासी स्वामी मानदानंद ने बताया कि श्रीमद्भगवत गीता अपने कत्र्तव्य पर दृढ़ होकर चलने की अभिप्रेरणा मिलती है। महाभारत युद्ध के दौरान अर्जुन के गहन संशयों एवं जिज्ञासाओं से उपजे प्रश्नों के समाधान स्वरूप भगवान श्रीकृष्ण ने ज्ञान, कर्म और भक्ति योग्य के त्रिगत संयोग से सनातन के आधारभूत चिंतन की भावभूमि तैयार की है, जो आज भी और आने वाली पीढिय़ों को भी अपने आलोक से ऊर्जांवित करती रहेगी। कार्यक्रम में 15 वें अध्याय के संक्षिप्त व्याख्या संस्कृत के आचार्य शशिकांत मिश्र ने की। कलेक्टर रजनी सिंह ने अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव पर आधारित मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के संदेश का वाचन किया। इसके पूर्व अतिथियों ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के माध्यम से हमारी युवा पीढ़ी को मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है। हम भाग्यशाली है कि भगवान श्रीकृष्ण की विद्यास्थली सांदीपनि आश्रम उज्जैनी मध्यप्रदेश के निवासी हैं। इस नाते हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि हम भगवान श्रीकृष्ण के आदर्शों एवं वचनों को अपने जीवन में लाएं।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए नगर पालिका अध्यक्ष नीरज दुबे ने कहा कि मध्यप्रदेश शासन की यह अभिनव व प्रभावी पहल तथा श्रीमद्भगवत गीता के प्रति गीता जयंती महोत्सव के रूप में हम सभी को धरोहर के रूप में प्राप्त हो रही है। कार्यक्रम में मप्र जनअभियान परिषद व कार्यक्रम के जिला स्तरीय नोडल अधिकारी जयनारायण शर्मा ने श्रीमद्भगवत गीता के 15 वें अध्याय पुरूषोत्तम योग्य का सश्वर वाचन. अनुवाचन कर कार्यक्रम का संचालन किया।