UGC ने 54 प्राइवेट यूनिवर्सिटीज को जारी किया नोटिस (IANS)
उच्च शिक्षा में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने कड़ा रुख अपनाया है। आयोग ने देशभर के 18 राज्यों में फैले 54 प्राइवेट विश्वविद्यालयों को नोटिस जारी किया है। इन संस्थानों पर 'सेल्फ पब्लिक डिस्क्लोजर' दिशानिर्देशों का पालन न करने का आरोप है। ये नियम जून 2024 में लागू किए गए थे, जो विश्वविद्यालयों को अपनी वेबसाइट पर कोर्स, फैकल्टी, इंफ्रास्ट्रक्चर, शोध, छात्र संख्या और वित्तीय जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराने का प्रावधान करते हैं।
यूजीसी के अनुसार, इन विश्वविद्यालयों ने धारा 13 के तहत निर्धारित जानकारी न तो आयोग को जमा की और न ही अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड की। वेबसाइट पर यह जानकारी होमपेज से आसानी से उपलब्ध होनी चाहिए, बिना किसी लॉगिन या रजिस्ट्रेशन के। आयोग ने स्पष्ट किया है कि गैर-अनुपालन जारी रहने पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें नियामकीय जांच और प्रतिबंध शामिल हैं।
यूजीसी ने इन विश्वविद्यालयों को कई बार पत्र, ईमेल और ऑनलाइन मीटिंग्स के जरिए चेतावनी दी थी, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। सचिव प्रो. मनीष जोशी ने पत्र में कहा, "छात्रों, अभिभावकों और हितधारकों को विश्वविद्यालय की पूरी जानकारी उपलब्ध होना जरूरी है। यह पारदर्शिता बढ़ाने और संस्थानों को जवाबदेह बनाने का माध्यम है।" आयोग का मानना है कि ऐसी खुली जानकारी से छात्र बेहतर निर्णय ले सकेंगे और शिक्षा प्रणाली में विश्वास मजबूत होगा।
यूजीसी की वेबसाइट पर जारी नोटिस में इन 54 विश्वविद्यालयों के नाम और स्थान दिए गए हैं। यहां राज्यवार प्रमुख उदाहरण:
राज्य | प्रमुख विश्वविद्यालय |
---|---|
गुजरात | स्वर्णिम यूनिवर्सिटी, अहमदाबाद; डायरेक्टर्स कलेक्टिव यूनिवर्सिटी, वडोदरा |
हरियाणा | ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी, सोनीपत; मुलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी (कुछ ब्रांच) |
असम | असम डाउनटाउन यूनिवर्सिटी, गुवाहाटी |
पंजाब | लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, फगवाड़ा; चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी |
राजस्थान | जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी; पूर्ण प्रिया यूनिवर्सिटी, जयपुर |
बिहार | मगध यूनिवर्सिटी (प्राइवेट ब्रांच); नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी |
छत्तीसगढ़ | केंद्रीय यूनिवर्सिटी (प्राइवेट); बस्तर विश्वविद्यालय |
गोवा | गोवा यूनिवर्सिटी (प्राइवेट सेक्शन) |
झारखंड | रांची यूनिवर्सिटी (प्राइवेट); सिमडेगा यूनिवर्सिटी |
कर्नाटक | क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु; जैन यूनिवर्सिटी |
उत्तर प्रदेश | अमity यूनिवर्सिटी, नोएडा; शारदा यूनिवर्सिटी, ग्रेटर नोएडा |
उत्तराखंड | ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी, देहरादून; उत्तरांचल यूनिवर्सिटी |
पश्चिम बंगाल | आदिगुरु रामचंद्रजी मेडिकल यूनिवर्सिटी; हेरिटेज इंस्टीट्यूट |
महाराष्ट्र | सिम्बायोसिस इंटरनेशनल, पुणे; डी.वाई. पाटिल यूनिवर्सिटी |
मणिपुर | मणिपुर इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी; सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (प्राइवेट) |
सिक्किम | सिक्किम अल्पाइन यूनिवर्सिटी; नमची यूनिवर्सिटी |
त्रिपुरा | आईसीएफएआई ट्रिपुरा; महाराजा बीर बिक्रम यूनिवर्सिटी |
मध्य प्रदेश | जे.एन.यू. जबलपुर (प्राइवेट); रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय |
कुछ विश्वविद्यालयों ने अब दस्तावेजों की समीक्षा शुरू कर दी है। उदाहरण के लिए, सिक्किम अल्पाइन यूनिवर्सिटी ने दावा किया कि उसने सभी जानकारी अपलोड कर दी है और डिफॉल्टर लिस्ट से हटाने की मांग की है। अन्य संस्थान भी जल्द अनुपालन का वादा कर रहे हैं, लेकिन यूजीसी ने चेतावनी दी है कि वेबसाइट अपलोड के साथ-साथ आयोग को भी जानकारी जमा करनी होगी।
Published on:
30 Sept 2025 06:29 pm
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