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दीर्घायु व संतुलित जीवनशैली की कुंजी ‘ब्लू जोन’ मॉडल

डॉ. रिपुन्जय सिंह, सदस्य, राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड

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ब्लू ज़ोन उन विशेष भौगोलिक क्षेत्रों को कहा जाता है, जहां लोग सामान्य आबादी की तुलना में अधिक लंबा, स्वस्थ और रोगमुक्त जीवन व्यतीत करते हैं। इन क्षेत्रों के निवासियों की जीवनशैली, भोजन की आदतें, सामाजिक सामंजस्य और मानसिक शांति का अनूठा मेल उनकी दीर्घायु का प्रमुख कारण माना जाता है। ब्लू ज़ोन की अवधारणा न केवल स्वास्थ्य विज्ञान के लिए महत्त्वपूर्ण है, बल्कि यह आधुनिक शहरी जीवन और नीति-निर्माण के लिए भी मार्गदर्शक है।

आज की व्यस्त जीवनशैली, फास्ट-फूड संस्कृति और बढ़ते तनाव के बीच ब्लू ज़ोन एक प्रेरणादायी मॉडल के रूप में सामने आता है। यह अवधारणा शोधकर्ता डैन ब्यूटनर द्वारा प्रस्तुत की गई, जिन्होंने विश्व के पांच क्षेत्रों जापान का ओकिनावा, इटली का सार्डिनिया, ग्रीस का इकारिया, कोस्टा रिका का निकोया तथा अमेरिका का लोमा लिंडा को ब्लू ज़ोन घोषित किया। इन क्षेत्रों में लोग कुछ सामान्य जीवनशैली नियमों का पालन करते हैं, जिन्हें पावर-9 कहा जाता है, जिसमें नियमित शारीरिक गतिविधि, जीवन का उद्देश्य, तनाव-नियंत्रण, संतुलित आहार, मद्यपान का सीमित उपयोग, सामुदायिक जुड़ाव, धर्म और आध्यात्मिकता की गतिविधियों में भागीदारी, परिवार में महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों की देखभाल, सकारात्मक सामाजिक समूह जो स्वस्थ आदतों को प्रोत्साहित करना है।

इसी कार्यप्रणाली को समझ व बेहतर ढंग से स्पष्ट करने के लिए कुछ मापदण्डों को अपनाना होता है, जिनमें प्रमुख में आहार संबंधी, अधिकांश पौधों पर आधारित भोजन, कम मात्रा में मांसाहार और जैविक व मौसमी खाद्य पदार्थों का प्रयोग है। सामाजिक-सांस्कृतिक मापदंडों के तहत परिवार को सर्वोच्च प्राथमिकता देना जरूरी है। बुजुर्गों, बच्चों व महिलाओं का सम्मान और देखभाल करना आवश्यक है।

समुदाय, नजदीकी और पड़ोस के साथ गहरे सामाजिक संबंध होने चाहिए व धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों में भागीदारी भी करें। नशे और अस्वस्थ आदतों से दूर रहने वाली संगति महत्त्वपूर्ण होती है व सामूहिक उत्सव और गतिविधियों में भागीदारी बढ़ाती है। यह पर्यावरण और भौगोलिक स्थिति जिसमें प्राकृतिक, प्रदूषण रहित स्वच्छ वातावरण, हरियाली और खुले स्थानों की उपलब्धता के साथ जलवायु के अनुसार जीवनशैली का विकास करता है, जिसमें दीर्घायु के मूल्य, आत्म-संयम, सादगी, नियमित दिनचर्या और पर्याप्त नींद। संतुलित काम और आराम का तालमेल आशा की किरण की ओर ले जाता है। ब्लू ज़ोन की अवधारणा से प्रेरणा लेकर स्वस्थ, हरित और संतुलित शहर विकसित किए जा सकते हैं। जहां लोग अब ‘फास्ट-फूड’ और ‘सेडेंटरी लाइफस्टाइल’ से हटकर ब्लू ज़ोन आधारित जीवनशैली अपनाने में लगे हैं। स्वस्थ समाज पर स्वास्थ्य व्यय कम होता है।

ब्लू ज़ोन यह सिद्ध करता है कि लंबी आयु और स्वस्थ जीवन किसी विशेष चिकित्सा तकनीक का परिणाम नहीं, बल्कि संतुलित जीवनशैली का उपहार है। आज जब जीवनशैली संबंधी रोग बढ़ रहे हैं, तब ब्लू ज़ोन के अनुभव हमारे लिए मार्गदर्शक हैं। यदि हम इन मूल्यों व आदतों को अपनी जीवनशैली में शामिल करें तो न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य सुधरेगा बल्कि एक सामंजस्यपूर्ण और स्वस्थ समाज का निर्माण भी संभव होगा।