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Sharad Purnima 2025 Date : शरद पूर्णिमा पर भद्रा का साया, खुले में खीर कब रखें, 6 या 7 अक्टूबर को?

Sharad Purnima 2025 Date : जानें कब शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। इस साल भद्रा के साए के कारण खीर रखने को लेकर लोग असमंजस में हैं। जानें शरद पूर्णिमा का शुभ समय, भद्रा का असर और खीर का महत्व।

2 min read

भारत

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Dimple Yadav

Oct 03, 2025

Sharad Purnima 2025 Date

Sharad Purnima 2025 Date (photo- gemini ai)

Sharad Purnima 2025 Bhadra Time: हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इसे आश्विन मास की शुक्ल पूर्णिमा को मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं के साथ उदित होता है और उसकी किरणों से अमृत की वर्षा होती है। इसी वजह से इस रात चांदनी में रखी खीर औषधीय गुणों से भर जाती है और इसे खाने से स्वास्थ्य लाभ मिलता है। इस बार शरद पूर्णिमा की डेट को लेकर लोगों में कंफ्यूजन बना हुआ है। तो आइए जानते हैं शरद पूर्णिमा की सही तारीख

इस साल शरद पूर्णिमा 6 अक्टूबर, सोमवार को मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार, आश्विन शुक्ल पूर्णिमा तिथि 6 अक्टूबर दोपहर 12:23 बजे से शुरू होकर 7 अक्टूबर सुबह 9:16 बजे तक रहेगी। चूंकि पूर्णिमा की रात 6 अक्टूबर को है, इसलिए उसी दिन शरद पूर्णिमा का व्रत और पूजा की जाएगी।

भद्रा का साया

इस बार शरद पूर्णिमा पर भद्रा का साया भी पड़ रहा है। भद्रा की शुरुआत 6 अक्टूबर को दोपहर 12:23 बजे से होगी और रात 10:53 बजे तक रहेगी। शास्त्रों के अनुसार, भद्रा के समय कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है क्योंकि यह बाधा और अशुभ फल देती है। ऐसे में शरद पूर्णिमा की पूजा और खासकर खीर रखने को लेकर लोगों में संशय रहता है।

राहुकाल और योग

इस दिन सुबह 7:45 से 9:13 बजे तक राहुकाल रहेगा। राहुकाल को भी शुभ कार्यों के लिए अशुभ माना जाता है, हालांकि इस दौरान कालसर्प दोष से जुड़ी पूजा-अर्चना की जाती है। वहीं, दोपहर 1:14 बजे तक वृद्धि योग रहेगा, जिसमें किए गए कार्य का फल कई गुना बढ़ जाता है।

भद्रा में खीर रखने का उपाय

भद्रा के दौरान खीर नहीं रखनी चाहिए। इसलिए शरद पूर्णिमा की रात खीर को भद्रा समाप्त होने के बाद, यानी रात 10:53 बजे के बाद ही बाहर रखें। इस खीर को पूरी रात चांदनी में रखना चाहिए ताकि चंद्रमा की किरणें उस पर पड़ती रहें। अगली सुबह इस खीर का सेवन किया जा सकता है। यदि देर रात तक जागना संभव न हो तो खीर को किसी सुरक्षित स्थान पर इस तरह रखें कि चंद्रमा की रोशनी उस पर पड़ती रहे और उसमें कोई कीड़ा-मकौड़ा या बिल्ली आदि न पहुंच सके।

शरद पूर्णिमा की खीर का महत्व

शास्त्रों में बताया गया है कि इस दिन चंद्रमा की रोशनी अमृत के समान होती है। जब यह किरणें खीर पर पड़ती हैं तो वह सिर्फ भोजन नहीं बल्कि औषधि का काम करती है। इसे खाने से शरीर को ऊर्जा मिलती है और कई रोगों से बचाव होता है। यही वजह है कि शरद पूर्णिमा पर चांदनी में रखी खीर का विशेष महत्व है।